rahat indori shayari | नमस्कार दोस्तों राहत इंदौरी जी उर्दू जगत के मशहूर जाने-माने शायरों में से एक शायर थे और हिंदी फिल्म के मशहूर गायक थे इनका जन्म इंदौर में हुआ था इसीलिए लोग इन्हें RAHAT INDORI कहते हैं इनकी लिखी हुई SHAYARI बहुत ही फेमस है ऐसी SHAYARI जो दिल को छू जाए
इसलिए दोस्तों आज हम hindinow.org आपके लिए आज की पोस्ट में बेहतरीन कलेक्शन rahat indori shayari, rahat indori shayari in hindi, rahat indori ki shayari, rahat indori shayari love, rahat indori shayari on love, राहत इंदौरी शायरी लाए है जिन्हें पढ़कर आपको अच्छा लगेगा आप सोशल मीडिया Facebook, instagram पर शेयर भी कर सकते हैं

rahat indori shayari
रेंगने की भी इजाज़त नहीं हम को वर्ना
हम जिधर जाते नए फूल खिलाते जाते।

विश्वास बन के लोग ज़िन्दगी में आते हैं,
ख्वाब बन के आँखों में समा जाते है,
पहले यकीन दिलाते है की वो हमारे है,
फिर न जाने क्यों बदल जाते है

rahat indori shayari lyrics
-राहत इंदौरी
किसने दस्तक दी है दिल पर कौन है,
आप तो अंदर हैं, बाहर कौन है..

न हमसफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा

rahat indori shayari on life
मेरे चेहरे पे कफ़न ना डालो,मुझे आदत है मुस्कुराने की,
मेरी लाश को ना दफ़नाओ,मुझे उम्मीद है उस के आने की !
-डॉ राहत इंदौरी

घायल कर के मुझे उसने पूछा,
करोगे क्या फिर मोहब्बत मुझसे,
लहू-लहू था दिल मेरा मगर
होंठों ने कहा बेइंतहा – बेइंतहा

rahat indori shayari hindi
अब ना मैं हूँ ना बाकी हैं ज़माने मेरे,
फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे,
ज़िन्दगी है तो नए ज़ख्म भी लग जाएंगे,
अब भी बाकी हैं कई दोस्त पुराने मेरे ।

सूरज सितारे चांद मेरे साथ में रहे
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहे
शाखो से टूट जाए वो पत्ते नहीं है हम
आंधी से कोई कह दे की औकात में रहे

mohabbat rahat indori shayari
तेरी कुछ बात ही अलग है,
वरना मै अपने आप से भी कम ही मिलता हूँ।

मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थी

rahat indori shayari in hindi love
ये मुलाक़ात आख़िरी तो नहीं
हम जुदाई के डर से पूछते हैं
राहत इंदौरी

फैसला जो कुछ भी हो मंज़ूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क़ हो, भरपूर होना चाहिए..

shayari rahat indori love
रोज तारों को नुमाइश में खलल पड़ता है,
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है,
रोज पत्थर की हिमायत में गजल लिखते हैं,
रोज शीशों से कोई काम निकल पड़ता है।

हाथ ख़ाली हैं तेरे शहर से जाते जाते
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है
उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते

rahat indori love shayari 2 line
बेवफा से वफ़ा की उमीद रखी थी
कांतो से खुसबू की उमीद रखी थी
मोहबत में दिल टूटने की उमीद रखी थी
खुदा से दो गाज़ ज़मीन की उमीद रखी थी

-डॉ. राहत इंदौरी-
अगर खिलाफ है होने दो जान थोड़ी है,
ये सब धुँआ है कोई आसमान थोड़ी है,
लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में,
यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।

rahat indori shayari 2 line
शिकायत तो बहुत है जिंदगी,पर चुप इसीलिए हूँ क्यूंकि,
जो दुनिया तूने दी है, वो भी बहुतों को नसीब नहीं होती।

तेरी मुस्कुराहट देती दिल को मेरे राहत है
तुझे पाने के बाद बाकी ना कोई चाहत है..!

rahat indori shayari image
कभी दिमाग, कभी दिल, कभी नजर में रहो
ये सब तुम्हारे ही घर हैं, किसी भी घर में रहो

चुरा लो अभी हर हसीन लम्हा जिंदगी से,
फिर जिम्मेदारियां मोहलत नही देंगी।

rahat indori shayari on friends
जो तौर है दुनिया का,उसी तौर से बोलो,
बहरों का इलाक़ा है, ज़रा ज़ोर से बोलो।

इन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है,
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं ।।

rahat indori shayari in hindi 2 line
ऐ ज़मीन एक रोज़ तेरी ख़ाक में खो जायेंगे, सो जायेंगे
मर के भी रिश्ता नहीं टूटेगा हिन्दुस्तान से, ईमान से

कहते हैं जीते हैं उम्मीद पे लोग,
हमको तो जीने की भी उम्मीद नहीं !

rahat indori shayari sad
नींद उड़ा कर मेरी कहते है वो कि सो जाओ कल बात करेंगे
अब वो ही हमें समझाए कि कल तक हम क्या करेंगे

सारी दुनिया के रूठ जाने से मुझे कोई दुख नही बस,
एक तेरा खामोश रहना मुझे तकलीफ देता हैं ।

rahat indori shayari motivational
आँखों में पानी रखो होठों पे चिंगारी रखो,
जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।

“दिलों में आग, लबों पर गुलाब रखते हैं।
सब अपने चहेरों पर, दोहरी नकाब रखते है

राहत इंदौरी शायरी
जुबां तो खोल, नज़र तो मिला जवाब तो दे,
मै कितनी बार लूटा हूँ, मुझे हिसाब तो दें,
तेरे बदन की लिखावट में है उतार चढाव
मैं तुझको कैसे पढूँगा, मुझे किताब तो दे।

लू भी चलती थी तो बादे – शबा कहते थे,
पांव फैलाये अंधेरो को दिया कहते थे,
उनका अंजाम तुझे याद नही है शायद,
और भी लोग थे जो खुद को खुदा कहते थे।