Best 150+ Gulzar Shayari In Hindi | गुलज़ार शायरी

gulzar shayari | गुलज़ार साहब एक महान लेखक हैं. उनके द्वारा लिखी शायरी, दिल को छू जाती है, यहाँ पर हमने ऐसी ही कुछ उनके द्वारा लिखी हुई अच्छी लोकप्रिय शायरियों को आपके साथ सांझा किया है Gulzar shayari, gulzar shayari hindi, gulzar ki shayari, gulzar shayari on love जो आपके दिल को छू जायेगी और आपको पसंन्द आयेगी इन्हें आप अपने पार्टनर के साथ शेयर कर सकते हैं साथी साथ इन्हें आप व्हाट्सएप इंस्टाग्राम और फेसबुक पर शेयर भी कर सकते हैं और कोन सी Shayari आपको पसन्द आई हमे कमेन्ट मे जरुर बताए

Gulzar Shayari

Gulzar Shayari

तुम्हें जिंदगी के उजाले मुबारक
अंधेरे हमें आज रास आ गए हैं
तुम्हें पा के हम खुद से दूर हो गए थे
तुम्हें छोड़कर अपने पास आ गए हैं

Gulzar Shayari

मेरी लिखी बातो को हर कोई समझ नहीं पाता
क्युकी मै एहसास लिखता हु और लोग अल्फाज पड़ते है

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Gulzar Shayari

लौटने का ख्याल भी आए तो बस चले आना,
इंतजार आज भी बड़ी बेसब्री से है तुम्हारा..

Gulzar Shayari

तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गई।

गुलजार की शायरी

Gulzar Shayari

तुझसे बिछड़ कर कब हुआ ये कि मर गए,
तेरे दिन भी गुजर गए और मेरे दिन भी गुजर गए.

Gulzar Shayari (5)

हम समझदार भी इतने हैं कि उनका झूठ पकड़ लेते हैं,
और उनके दीवाने भी इतने हैं कि फिर भी यक़ीन कर लेते हैं।

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Gulzar Shayari (4)

झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फडफ़डाते है,
वरना बाज की उडान में कभी आवाज नहीं होती ।

Gulzar Shayari (3)

तुम्हे जो याद करता हूँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ ।
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ

गुलज़ार शायरी इन हिंदी

Gulzar Shayari (2)

मेरी लिखी बातो को हर कोई समझ नहीं पाता
क्युकी मै एहसास लिखता हु और लोग अल्फाज पड़ते है

Gulzar Shayari (1)

वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी

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Gulzar Shayari (10)

खबर सबको थी मेरे कच्चे मकान की,
फिर भी लोगों ने दुआओं में बरसात ही मांगी.

Gulzar Shayari (9)

मिलता तो बहुत कुछ इस जिंदगी में
बस हम गिनती उसी की करते हैं
जो हासिल ना हो सका

गुलजार शायरी

Gulzar Shayari (8)

क्या खूब मजबूरी है, गमले में लगे पेड़ों की,
हरा भी रहना है, और बढ़ना भी नहीं ।

Gulzar Shayari (7)

हजारों उलझने है राहों में,
और कोशिशें बेहिसाब,
इसी का नाम है ज़िंदगी,
बस चलते रहिए जनाब

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Gulzar Shayari (6)

बड़ी तसल्ली से देखा है आज मैंने उसे,
अगर आज नींद नहीं आई तो कोई बात नहीं,

Gulzar Shayari (15)

उड़ते पैरों के तले जब बहती है जमीं
मुड़के हमने कोई मंज़िल देखी तो नही
रात दिन हम राहों पर शामो सहर करते हैं
राह पे रहते हैं यादों पे बसर करते हैं

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Gulzar Shayari (14)

तेरी यादों का कारोबार भी बहुत खूब है,
माना मुनाफा कम है, पर गुजारा हो ही जाता है।

Gulzar Shayari (13)

हवा गुज़र गयी पत्ते थे कुछ हिले भी नहीं,
वो मेरे शहर में आये भी और मिले भी नहीं

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Gulzar Shayari (12)

वक्त कटता भी नही वक्त रुकता भी नही
दिल है सजदे में मगर इश्क झुकता भी नही

Gulzar Shayari (11)

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते”

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Gulzar Shayari (20)

बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मतं कोसो, हर हाल में चलना सीखो।

Gulzar Shayari (19)

रात इकाई .. नींद दहाई,,
ख्वाब सैकड़ा .. दर्द हजार ।

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Gulzar Shayari (18)

तुम्हें मोहब्बत कहां थी तुम्हें तो सिर्फ़ आदत थी
मोहब्बत होती तो हमारा पल भर का बिछड़ना भी
तुम्हें सुकून से जीने नहीं देता”

Gulzar Shayari (17)

जिन्हें वाकई बात करना आता है,
वो लोग अक्सर खामोश रहते है ।

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Gulzar Shayari (16)

खता उनकी भी नहीं यारो वो भी क्या करते,
बहुत चाहने वाले थे किस किस से वफ़ा करते

Gulzar Shayari (26)

आइने के सामने खड़े होकर
खुद से ही माफी मांग ली मैंने,
सबसे ज्यादा अपना ही दिल दुखाया है
औरों को खुश करते करते

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Gulzar Shayari (25)

जरूरी नहीं हर ख़्वाब पूरा हो,
सोचा तो उसे ही जाता है जो अधूरा हो.

Gulzar Shayari (24)

समझने वाले तो ख़ामोशी भी समझ लेते है
ना समझने वाले जज़्बातों का भी मज़ाक बना देते है।

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Gulzar Shayari (23)

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं

Gulzar Shayari (22)

शाम से आँख में नमी सी है,
आज फिर आप की कमी सी है।

Gulzar Shayari (21)

कोई आहट नही बदन की कहीं
फिर भी लगता है तू यहीं है कहीं
वक्त जाता सुनाई देता है
तेरा साया दिखाई देता है

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