Best 80+ Poems On Rain In Hindi | बारिश पर कविताएँ 2023

Poems On Rain In Hindi 2023 | नमस्कार दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं बारिश का मौसम कितना मनमोहक और सुहाना होता है वर्षा ऋतु में चारों तरफ हरियाली हरियाली दिखाई देती है पेड़ पौधों फूल पत्तों को फिर से नया जीवन मिल जाता है ठंडी ठंडी हवा हमारे दिल को छू जाती है वर्षा ऋतु में पकवान खाने में बड़ा मजा आता है मोर का नाच ना पपिए का चहचहाना बड़ा ही मनमोहक लगता है बारिश में नहाना दोस्तों के साथ मस्ती करना बड़ा अच्छा लगता है

आज हम hindinow.org आपके लिए कुछ बारिश पर बेहतरीन कविताएं लाए हैं जो आपके दिल को छू जाएंगे poems of rain in hindi, poetry on rain in hindi, poem for rain in hindi, poem on rain in hindi, rain Poetry In Hindi, rain poem in hindi रेन पोएट्री इन हिंदी जिन्हें आप फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम पर अपनी इच्छा के अनुसार सेलेक्ट करके शेयर कर सकते हैं

Poems On Rain In Hindi

Poems On Rain In Hindi

इठलाती, लाई फुहार,
देखो आई बरखा बहार.
रिमझिम रिमझिम झड़ी लगाई,
प्रकृति कैसी है मुस्काई,
लहराते पत्ते पत्ते पर,
हरियाली इसने बिखराई.
ऋतुओं ने है किया श्रृंगार,
देखो आई बरखा बहार

Poems On Rain In Hindi

hindi poems on rainy season

बारिश आई छम छम छम,
आओ भीगे तुम और हम ।
छप छप छप उछले हम,
फिर अचानक से फिसले हम।
मिलकर खाएँ सब गरम पकोड़े,
देखो बरसने लगे है ओले।
ठंडी ठंडी हवा के झोंके.
मेंढक देखो टक टक ताके।
बारिश की मस्ती में हम
खूब मज़े उड़ाए,
आओ मिलकर बारिश में
हम सब नहाये

Poems On Rain In Hindi

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बारिश की बूंदें जब धरा को
तर-बतर कर जाती हैं
सोंधी सोंधी महक माटी की
सबके मन को भाती हैं
ख़ूबसूरत हो जाती हैं ये फ़िज़ा,
जब करते नृत्य मयूर हैं
हो जाता ये समां सुरीला,
जब गाती गीत खुशी के कोयल हैं
छा जाती चहुं ओर हरियाली,
खिल फूल नए जब मुस्काते हैं
बारिश की बूंदें जब धरा को
तर-बतर कर जाती हैं

Poems On Rain In Hindi

short poem on rain in hindi

हवा की खुशबू में,
चलो घूम के आते हैं !
पानी की बूंदों के नीचे,
एक पल यही बिताते हैं !
है घनघोर घटा छायी आज,
टप-टप गिरता पानी हैं !
खेलो कूदो बारिश में तुम,
ये समय न फिर से आनी है ।
जब यूँ गांवों में बारिश के नीचे,
हम बच्चे भीग के आते थे !
यूँ गीली मिटटी में ही हम,
खेल कूद मचाते थे !
बचपन की वो बारिश की याद,
आज भी हमें जब आती है !
देख आज की शहरों की बारिश,
खूब हमें ललचाती है !!

Poems On Rain In Hindi

short poems on rain in hindi

बादल घिर आए,
गीत की बेला आई।
आज गगन की सूनी छाती।।
भावों से भर आई।
चपला के पावों की आहट।।
आज पवन ने पाई।
डोल रहें हैं बोल न जिनके।।
मुख में विधि ने डाले।
बादल घिर आए
गीत की बेला आई।।
बिजली की अलकों ने अंबर।
के कंधों को घेरा।।
मन बरबस यह पूछ उठा है।
कौन, कहाँ पर मेरा।।
आज धरणि के आँसू सावन।
के मोती बन बहुरे।।
घन छाए, मन के मीत की बेला आई।
बादल घिर आए,
गीत की बेला आई।।
Author – हरिवंशराय बच्चन

Poems On Rain In Hindi

rain poem in hindi

बारिश का मौसम है आया
हम बच्चो के मन को भाया
छू हो गई गर्मी सारी
मारे हम सब मिलकर किलकारी
बारिश आई बहार लाई
बारिश आई बहार लाई ।
कागज की हम नाव चलाए.
छप छपा, नाचे और नचाए
मजा आ गया तगड़ा भारी
आखों में आ गई खुमारी
बारिश आई बहार लाई ।

Poems On Rain In Hindi

rain poetry in hindi

काला-धोला बादल आया
संग ये अपने बरखा लाया।
रिमझिम का संगीत सुनाता
खुशियों का संदेशा लाया।
जंगल महका चिड़िया चहकी
नाचा मोर पपीहा गाया।
-धोला काला-बादल आया
वर्षा की बौछारें लाया।

Poems On Rain In Hindi

poems of rain in Hindi

छत का पानी गलियों के
पतनालों से मिलने को उत्सुक
और पेड़ कुछ बहुत यत्न से
धोते हैं पत्तों को गुपचुप
बाहर के आले में भीगी गौरैया
तकती आशंकित बागीचे में
बेल चमेली की चम्पा को
छेड़े छिप छिप
नन्हें बच्चे दीदी से
कागज की नावें बनवाते हैं
भीग भीग कर उनको बाहर
पतनालों में तैराते हैं
किलकारी जानी पहचानी
रिमझिम बरस रहा है पानी

Poems On Rain In Hindi

बारिश पर कविताएँ

रात की ख़ामोशी में पेड़ो के
पत्तों पर गिरती रही बारिश की बूँदें
रात भर वो बूँदें बजाती रही
मेरे भीतर- तेरी यादों का एक जलतरंग
रात भर एक ख़ामोशी मुझे सुनाती रही
तेरी यादों के भीगे हुए तराने ।
एक इंतज़ार सूखता रहा
मन के तारों पर रात भर
– हेमंत

Poems On Rain In Hindi

poetry on rain in hindi

प्रेमरंजन अनिमेष
एक बारिश में उसके साथ भीगने का मन
उसकी बातों में कोई रात जागने का मन
उसके बालों को आगे ला के उसके कन्धों पर
अपने हाथों से हर धड़कन सहेजने का मन
महके फूलों को यूँ बिखरा के देह भर उसकी
अपने होंठों उसे हर फूल देखने का मन
हूँ मुहब्बत वहाँ जाऊँ जहाँ न जाए कोई
सिहरे तन में कहीं है मन को चूमने का मन
कबसे धरती को तकती हो गई है ख़ुद धरती
अब उठा कर उसे आकाश सौंपने का मन
पाँव रस्ते तो सारे नापते अकेले ही
थक के होता किसी के साथ लौटने का मन
किसी रिश्ते किसी नाते मिले कहाँ चाहत
प्यार रहकर ही कुछ उससे है माँगने का मन
अपने सोचे हुए कुछ नाम उसको देने का
नाम हर भूल कर उसको ही सोचने का मन
इसी मिट्टी में दब कर बीज सा उगूँ
फिर से इसी पानी में है सूरज सा डूबने का मन
जिन्दगी साथ दे और साथी वो जिसे ‘अनिमेष’
अपना सब कुछ हो अपने आप सौंपने का मन

Poems On Rain In Hindi, रेन पोएट्री इन हिंदी में आपको कौन सी कविता सबसे अच्छी लगी जो आपके दिल को छू गई हो हमें कमेंट करके जरूर बताएं हम आपके लिए ऐसे ही नई नई पोस्ट लाते रहेंगे

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