mothers day poem in hindi 2023 | नमस्कार दोस्तों मां शब्द एक ऐसा शब्द है जिसमें सारे जहां का प्यार समाया हुआ है मां ममता की मूरत है मां की ममता में इतनी शक्ति है हर मुसीबत से आपको बाहर निकाल दे मां बाप की सेवा ईश्वर को पालने के समान है चारों धाम का पुण्य आपको मां बाप की सेवा से ही मिल जाएगा इसलिए मां-बाप की सेवा करो चोट तुम्हें लगती है तो दर्द मां को होता है मां के दिल में आपके लिए इतना प्यार होता है ईश्वर को भी जन्म देने बाली मां है
इसीलिए दोस्तों कभी मां बाप को दुख मत देना वह मां ही है जिसने तुम्हें 9 महीने अपनी कोख में रखा खुद इतनी दर्द सेहती रही पर तुम्हें कभी दर्द नहीं दीया मां होती ही ऐसी हैं जो अपने बच्चों के लिए हर मुसीबत से टकरा जाती है इसीलिए दोस्तों आज हम hindinow.org मां पर कुछ कविताएं लाए हैं जो आपको अच्छी लगेगी mother day poetry in hindi, mothers day poem in hindi, poetry on mothers day in hindi, poem on mother day in hindi, mothers day poetry in hindi, mother day poem in hindi मदर डे पोएट्री इन हिंदी जिन्हें आप सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप इंस्टाग्राम फेसबुक आदि पर अपने अनुसार सेलेक्ट करके शेयर कर सकते हैं

mothers day poem in hindi
दुनिया की तपिश में,
हमें आँचल की शीतल छाया देती है माँ
खुद चाहे कितनी थकी हो,
हमें देखकर अपनी थकान भूल जाती है माँ
प्यार भरे हाथों से,
हमेशा हमारी थकान मिटाती है माँ
बात जब भी हो लजीज खाने की,
तो हमें याद आती है माँ
रिश्तों को खूबसूरती से
निभाना सिखाती है माँ
लब्जों में जिसे बयाँ नहीं किया
जा सके ऐसी होती है माँ
भगवान भी जिसकी ममता
के आगे झुक जाते है

mothers day poetry in hindi
प्यारी जग से न्यारी माँ,
खुशियाँ देती सारी माँ,
चलना हमें सिखाती माँ,
मंजिल हमें दिखाती माँ,

emotional mothers day poem in hindi
भगवान का दूसरा रूप है माँ,
उनके लिए दे देंगे जां,
हमको मिलता जीवन उनसे,
कदमो में है स्वर्ग बसा,
हमारी खुशी में खुश हो जाती,
दुःख में हमारे आंसू बहाती,
कितने खुशनसीब है हम,
पास हमारे है माँ।

poem for mothers day in hindi
माँ धरती है, माँ ही नभ है माँ ही रब है,
माँ है तो सब है कामों की गठरी कांधे पर
लादे कभी नहीं उफ्फ कहती है।
केवल जन्म नहीं देती है वह जीवन भी देती है
माँ गंगा है, माँ धाय है माँ माय है माँ बच्चों की
चिंताओं का एकमात्र उपाय है।
माँ की ममता में देखो कितना दम है
दुनिया भर की हर उमंग उसके आगे कम है।
ममता की राहों में उसको कोई बांधा झुका नहीं सकती है
संतान ममता की कीमत चुका नहीं सकतीहै।
माँ की सेवा कर लोगे जो तुम सुबह और शाम
घर बैठे ही मिल जाएंगे तुमको चारों धाम

mother day special poem in hindi
हमारे हर मर्ज की दवा होती है माँ
कभी डाँटती है हमें,तो कभी गले लगा लेती है माँ
आँखों के आंसू अपनी आँखों में समा लेती है माँ
अपने होठों की हँसी, हम पर लुटा देती है हमारी
खुशियों में शामिल होकर, अपने गम भुला देती है माँ
जब भी कभी ठोकर लगे, तो हमें तुरंत याद आती है माँ
दुनिया की तपिश में, हमें आँचल की शीतल छाया देती है माँ
खुद चाहे कितनी थकी हो, हमें देखकर अपनी थकान भूल जाती है माँ
प्यार भरे हाथों से, हमेशा हमारी थकान मिटाती है माँ
बात जब भी हो लजीज खाने की, तो हमें याद आती है माँ
रिश्तों को खूबसूरती से निभाना सिखाती है माँ
लब्जों में जिसे बयाँ नहीं किया जा सके ऐसी होती है माँ
भगवान भी जिसकी ममता के आगे झुक जाते है

mother day par poem in hindi
तेरी आंचल से अपना चेहरा पूछू
इसलिए मेरे सामने खड़ी हो जाती है
ममता से अपनी मुझे सहलाती है
होता है अगर कुछ भी मुझे तो
ना जाने क्यों सीने में खलबली
तेरी मच जाती है
छोटी लगती है मुझसे पर
हर काम में मुझसे बड़ी है
मुसीबत आए मुझ पर तो
मुझसे पहले वह खड़ी है

happy mothers day poem in hindi
माँ
वो मेरी आशा, वो मेरी अभिलाषा,
ममता से भरी, अपनेपन की परिभाषा |
वो साथ मेरे हरदम, बनकर एक साया,
उसने ही मेरा जीवन महकाया
तकलीफ़ में भी मुस्काती हैं,
हर गम ख़ुशी से सह जाती हैं।
मेरी राहों पर फूल बिछाती वो,
खुद कांटो पर भी सो जाती हैं।
ममता की मूरत होती हैं माँ,
भगवान् की छवि कहलाती हैं माँ |
कर्णिका पाठक

mothers day poem in hindi 2023
मां तो जन्नत का फूल है,
प्यार करना उसका उसूल है,
दुनिया की मोहब्बत फिजूल है,
मां की हर दुआ कबूल है,
मां को नाराज करना
इंसान तेरी भूल है,
मां के कदमो की मिट्टी
जन्नत की धूल है !

मां की एक दुआ जिंदगी बना देगी,
खुद रोएगी मगर तुम्हे हंसा देगी।
कभी भुल के भी ना मां को रुलाना,
एक छोटी सी गलती पूरा अर्श हिला देगी।

घुटनों से रेंगते रेंगते कब पैरों पर खड़ा हुआ,
तेरी ममता की छाओं में जाने कब बड़ा हुआ !
मैं ही मैं हूँ हर जगह प्यार यह तेरा कैसा है ?
काला टीका दूध मलाई आज भी सब कुछ वैसा है
सीधा साधा भोला भाला मैं ही सबसे अच्छा हूँ,
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ, मैं आज भी तेरा बच्चा हूँ

मेरी माँ
मेरी तकलीफ में मुझ से ज्यादा
मेरी माँ ही रोयी है,
खिला-पिला के मुझको माँ मेरी,
कभी भूखे पेट भी सोयी है,
कभी खिलौनों से खिलाया है,
कभी आँचल में छुपाया है,
गलतियाँ करने पर भी माँ ने
मुझे हमेशा प्यार से समझाया है,
माँ के चरणो में मुझको जन्नत नजर आती है,
लेकिन माँ मेरी मुझको
हमेशा अपने सीने से लगाती है,

जन्म दात्री ममता की पवित्र मूर्ति
रक्त कणो से अभिसिंचित कर नव पुष्प खिलाती
स्नेह निर्झर झरता माँ की मृदु लोरी से
हर पल अंक से चिपटाए उर्जा भरती प्राणो में
विकसित होती पंखुडिया ममता की छावो में
सब कुछ न्यौछावर उस ममता की
वेदी पर जिसके आँचल की साया में
हर सुख का सागर
- बुजेशकुमार शुक्ला

poem on mother day in hindi
मां बिन जीवन है अधूरा
खाली-खाली सूना-सूना
खाना पहले हमें खिलाती
बाद में वह खुद है खाती
हमारी खुशी में खुश हो जाती
दुख में हमारे आंसू बहाती
कितने खुसनसीब हैं
हम पास हमारे है मां
होते बदनसीब वे कितने
जिनके पास न होती मां

माँ तू कितनी अच्छी है, मेरा सब कुछ करती है ।
भूख मुझे जब लगती है, खाना मुझे खिलाती है ।
जब मैं गंदा होता हूँ. रोज मुझे नहलाती है
जब मैं रोने लगता हूँ, चुप तू मुझे कराती है।
माँ मेरे मित्रों में सबसे, पहले तू ही आती है।
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